भारतीय संविधान भाग-1 : संघ और राज्य क्षेत्र (अनुच्छेद-1 से अनुच्छेद-4 तक)

भाग-1 : संघ और राज्य क्षेत्र (1-4)

अनुच्छेद 1 मे क्या है?

भारत राज्यों का संघ (Union) है अर्थात् इसके राज्य कभी-भी टुटकर अलगन नहीं हो सकते ।

Note – जो देश federation होते हैं। उसके राज्य टुट सकते हैं। जैसे-सोवियत संघ U.S.A.

अनुच्छेद 2 मे क्या है?

संसद राष्ट्रपति को पूर्व सुचना देकर किसी भी विदेशी राज्य को भारत में मिला सकते हैं।

Ex- 16 may 1975 के सिक्किम का भारत में विलय

अनुच्छेद 3 मे क्या है?

संसद राष्ट्रपति को पूर्व सुचना देकर वर्तमान किसी भी राज्य के नाम तथा सिमा को बदल सकते हैं।

जैसे-बिहार से झारखंड, उड़िसा से ओडिशा

अनुच्छेद 4 मे क्या है?

अनु० 2 और 3 में किया गया संशोधन अनु० 368 के बाहर रखा गया है। अर्थात् इस संशोधन को राष्ट्रपति नहीं रोक सकते है ।

भारतीय राज्यों का इतिहास

आजादी के समय भारत 552 से अधिक देशी रियासत (राज्य) में टुटा हुआ था। अंग्रेजों ने इन्हें यह अधिकार दिया कि ये राज्य भारत में मिल सकते हैं। या पाकिस्तान में मिल सकते हैं। या स्वतंत्र देश के रूप में बन सकते हैं। इन रियासतों को भारत में मिलाने का कार्य सरदार पटेल तथा K.K. मेनन ने किया उन्होंने सभी राज्यों को भारत में विलय करा दिया-किन्तु तीन राज्य विलय के लिए तैयार नहीं थे।

(1) जम्मु कश्मीर – यह स्वतंत्र देश बननना चाहता है यहाँ के राज्य हरि सिंह थे और उनका प्रधानमंत्री शेख अब्दुला था इसी बीच पाकिस्तान के इशरा पर काश्मीर में घुसपैठ होने लगी जिसके बाद 26 oct 1947 को काश्मीर विलय पत्र पर हस्ताक्षर करके भारत का अंग बन गया।

(ii) जूनागढ़ – यह गुजरात का एक रियासत था जो पाकिस्तान में जाना चाहता था, किन्तु सरदार पटेल ने जनमत संग्रह कराकर (Referendom) उसे भारत में मिला दिया।

(ii) हैदराबाद – हैदराबाद के निजाम हैदराबाद को पाकिस्तान में मिलाना चाहते थे। किन्तु सरदार पटेल ने पुलिस कि वर्दी में सेना भेजा जिसे आपरेशन पोलो कहा गया इसी के तहत हैदराबाद को भारत में मिला लिया गया।

इन सभी देशी रियासतों को मिलाकर एक भारत का निर्माण किया गया। इस भारत को 4 राज्यों में A,B, C, D में बाँटा गया।

भाषाई आधार पर राज्यों का गठन के लिए 1949 में S.K. घर आयोग का गठन किया गया किन्तु इसने भाषाई के आधार पर राज्यों के गठन का विरोध किया।

तेलगू भाषा के लिए अलग राज्य के माँग करते हुए पेटू श्री रामल भुख हरताल पर बैठ गया। और 56 दिन के भुख हरताल के बाद इसकी मृत्यु हो गई फल स्वरूप जनता का विरोध बढ़ गया। फल स्वरूप नेहरू जी ने 10 oct 1953 में तेलगू भाषा के लिए अलग राज्य आँध्रप्रदेश को अलग कर दिया अन्ततः यह भाषा के आधार पर गठित होने वाला पहला राज्य बना।

भाषायी आधार पर राज्यों को गठन के लिए 1953 में फजल अली आयोग का गठन किया गया इसने अपनी रिपोर्ट 1956 में दिया और भाषायी आधार पर राज्यों को कानुनी मान्यता दे दिया। इस आयोग के फल स्वरूप गवाँ संविधान संशोधन 1956 में पारित हुआ इसके बाद A, B, C, D को रद्द करके भाषायी आधार पर 14 राज्य तथा 6 केन्द्रशासित प्रदेश बनाए गए।

Note : पंजाब राज्य का पुर्नगठन साह आयोग के सिफारिश पर हुआ।

Khan Sir Constitution / Polity by Khan Sir
दोस्तों इस पोस्ट मे लिखी गई सभी जानकारी खान सर के ऑफलाइन क्लास नोट्स पर आधारित है, जिसे खुद खान सर ने लिए है ।
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